Durga Chalisa in Hindi : यहां सभी पाठकों के लिए प्रस्तुत है पवित्र श्री दुर्गा चालीसा।, दुर्गा चालीसा प्रार्थना का प्रत्येक भाग उसकी शक्ति, अनुग्रह और वह हमारी रक्षा कैसे करती है, के बारे में बात करता है। हम पता लगाएंगे कि प्रत्येक भाग हमें देवी माँ से कैसे जोड़ता है। चाहे आप हिंदू धर्म के बारे में उत्सुक हों या सिर्फ प्रेरित महसूस करना चाहते हों, आइए, हम इस खूबसूरत प्रार्थना के ज्ञान और शक्ति की खोज करें।
Durga Chalisa in Hindi नवरात्र के पहले दिन से नवमी तक मां के नौ स्वरुप की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में पूजा पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ कर आरती पढ़ी जाती है। यहां पढ़ें संपूर्ण श्री दुर्गा चालीसा
सुख शांति व समृद्धि के उद्देश्य तथा समाज में फैल रही सामाजिक बुराइयों को नष्ट करने में फलदायी है दुर्गा चालीसा।
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श्री दुर्गा चालीसा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
।। दोहा।।
शरणागत रक्षा कर, भक्त रहे निःशंक ।
मैं आया तेरी शरण में, मातु लीजिए अंक।।
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
– संत देवीदास
Durga Chalisa in Hindi : प्रार्थना के माध्यम से, हमने देवी दुर्गा और उनके साहस, दया और सुरक्षा के आशीर्वाद के करीब महसूस किया है। यहां तक कि जब हमारी खोज समाप्त हो जाती है, तब भी चालीसा का पाठ हमारे साथ रहता है, और हमें अपने आध्यात्मिक पथ पर मजबूत और समर्पित रहने की याद दिलाता है। देवी दुर्गा का आशीर्वाद हमेशा हमारा मार्गदर्शन करे, हमें जीवन की चुनौतियों का साहस और प्रेम के साथ सामना करने में मदद करे और हमें सच्चाई और शांति की ओर ले जाए।
Durga Chalisa in Hindi F&Q
दुर्गा चालीसा क्या है?
दुर्गा चालीसा एक हिंदू भक्ति भजन है जिसमें देवी दुर्गा को समर्पित 40 छंद हैं, जो उनके आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान करते हैं।
आदित्य हृदय स्तोत्र किसने लिखी?
परंपरागत रूप से माना जाता है कि दुर्गा चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।
दुर्गा चालीसा का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?
माना जाता है कि दुर्गा चालीसा का जाप करने से देवी दुर्गा से आशीर्वाद, सुरक्षा और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है।